!! कबहूँक करि करुणा नर देही !!
भगवान ने दया करके मानव देह दिया और आप लोग जब गर्भ में थे तब वादा किया था की
महाराज बहुत दु:ख मिल रहा है माँ के पेट में, गंदगी में, सिर नीचे पैर ऊपर कितना कोमल
शरीर, हमको निकालो, आपका ही भजन करेंगे आपको पाने का उपाय खोजेंगे अबकी बार मुझे निकालो
। और बाहर आया मम्मी ने कहा ए मेरा भजन कर, पापा ने कहा ए मैं तेरा हूँ । यह सब लोगों
ने धोखा देकर बेचारे को बेबकूफ बना दिया, भगवान को दिया हुआ वादा भूल गया और भगवान
को इन लोगों को भजने लगा । और अगर जागा भी, कोई संत मिल गया और जगा दिया तो कल से करेंगे,
अवश्य करेंगे अवश्य । आज जरा काम आ गया कल से करेंगे अवश्य
तन का भरोसा नहीं गोविंद राधे ।
जाने कब काल तेरा तन छिनवा दे ॥
No comments:
Post a Comment